Asia Bears the Brunt of Extreme Weather एशिया अक्सर प्राकृतिक आपदाओं से जूझता रहता है। ये राष्ट्रीय विपत्तियां भूकंप, बाढ़, सुनामी, और चक्रवात जैसी हो सकती हैं। दुर्भाग्य से, यह क्षेत्र भौगोलिक रूप से भी असुरक्षित है, जो इसे इन आपदाओं के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है।
भूकंप का भयानक तांडव: Asia Bears the Brunt of Extreme Weather
एशियाई महाद्वीप टेक्टोनिक प्लेटों (tectonic plates) के सक्रिय क्षेत्र में स्थित है, जिसके कारण यहां भूकंप आने की संभावना अधिक रहती है। 2023 में, नेपाल (Nepal) में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके कारण भारी तबाही मची थी।
भूकंप धरती माता का एक भयानक रूप है। Asia Bears the Brunt of Extreme Weather यह तब होता है, जब पृथ्वी के भीतर टेक्टोनिक प्लेटें अचानक से हिलती-डुलती हैं। कल्पना कीजिए, जमीन के नीचे अचानक से कोई हलचल मचे, और आपके पैरों के नीचे की धरती डगमगाने लगे। यही भूकंप का पहला संकेत होता है।
भूकंप के दौरान क्या होता है?
- जमीन का कंपन: धरती का हिलना इतना तेज हो सकता है कि खड़े रहना भी मुश्किल हो जाए।
- जोरदार धमाका: कई बार भूकंप के साथ जोरदार धमाके भी आते हैं, जो किसी विस्फोट की तरह लग सकते हैं।
- इमारतों का हिलना और गिरना: कमजोर इमारतें भूकंप के झटकों को सह नहीं पातीं और हिलने लगती हैं, कई बार तो पूरी तरह से गिर भी जाती हैं।
- फटती सड़कें और टूटते पेड़: भूकंप के कारण जमीन में दरारें पड़ सकती हैं, सड़कें फट सकती हैं और पेड़ जड़ से उखड़ कर टूट सकते हैं।
Asia Bears the Brunt of Extreme Weather भूकंप के बाद
भूकंप का कहर थम जाने के बाद भी विनाश का सिलसिला रुक नहीं पाता।
- तबाही का मंजर: चारों तरफ तबाही का मंजर होता है। गिरी हुई इमारतों के नीचे दबे लोग , क्षतिग्रस्त संपत्ति, और हर तरफ चीख-पुकार मची होती है।
- बिजली और पानी की कटौती: भूकंप से बिजली के तार टूट सकते हैं और पानी की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
- बीमारी का फैलना: अस्वच्छ वातावरण और दूषित पानी से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसे हम रोक नहीं सकते, लेकिन हम इससे बचने के उपाय जरूर कर सकते हैं। भूकंप रोधी मकान बनाने और आपदा प्रबंधन की जानकारी रखने से हम इस भयानक स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रह सकते हैं।
बाढ़ का प्रलय: Asia Bears the Brunt of Extreme Weather
बाढ़, प्रकृति का कोप है, जो शांत नदियों को उग्र राक्षसों में बदल देता है। कल्पना कीजिए, एक सूखा नदी का बिस्तर जो अचानक से पानी के प्रलय में डूबने लगता है।
बाढ़ का आगमन
बाढ़ के आने के कई कारण हो सकते हैं:
- अत्यधिक वर्षा: लगातार कई दिनों तक हो रही भारी बारिश नदियों और नालों को उनकी क्षमता से अधिक भर सकती है, जिससे वे अपने किनारों को तोड़कर आसपास के इलाकों में फैल जाती हैं।
- बर्फ का पिघलना: पहाड़ों पर जमी बर्फ तेजी से पिघलने से भी बाढ़ आ सकती है। पिघली हुई बर्फ नदियों में मिलकर उनके जलस्तर को बढ़ा देती है।
- समुद्री तूफान: समुद्र तट के किनारे आने वाले चक्रवात या सुनामी के कारण भी बाढ़ का खतरा रहता है।
तबाही का तांडव
बाढ़ का पानी अपने रास्ते में आने वाले हर चीज को बहा ले जाता है:
- खेत खलिहान तबाह: खेतों में लहलहाती फसलें बाढ़ के पानी में डूब जाती हैं। मेहनत से तैयार की गई फसलें नष्ट हो जाती हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होता है।
- गांवों और शहरों में तबाही: बाढ़ का पानी गांवों और शहरों में घुसकर तबाही मचा देता है। सड़कें और पुल बह जाते हैं, घर गिर जाते हैं, और बिजली तथा पानी की आपूर्ति बाधित हो जाती है।
- जान-माल का नुकसान: बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा दुखदायी होता है जान-माल का नुकसान। तेज धारा में फंसने से लोगों की जान चली जाती है, और पशुधन भी बह जाता है।
बाढ़ के बाद
बाढ़ का पानी कम होने के बाद भी समस्याएं खत्म नहीं होतीं:
- बीमारी का फैलना: बाढ़ के बाद गंदा पानी जमा रहने से मच्छर पैदा होते हैं, जिससे डेंगू जैसी बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
- पीने के पानी की कमी: बाढ़ का दूषित पानी पीने के पानी के स्रोतों को भी दूषित कर देता है, जिससे पीने के पानी की कमी हो जाती है।
एशिया में भारी बारिश और बर्फीली नदियों के कारण अक्सर बाढ़ आती है।Asia Bears the Brunt of Extreme Weather 2021 में, भारत (Bharat) और बांग्लादेश (Bangladesh) में आई विनाशकारी बाढ़ के कारण लाखों लोग विस्थापित हुए थे।
सुनामी का महाविनाश: Asia Bears the Brunt of Extreme Weather
सुनामी समुद्र की शांत लहरों को क्षण भर में विनाशकारी राक्षस में बदल देने वाली प्राकृतिक आपदा है। कल्पना कीजिए आप समुद्र तट पर खड़े हैं, चारों तरफ शांत नीला पानी लहरें बना रहा है, और अचानक दूर क्षितिज पर पानी का एक विशाल दीवार जी से आपकी ओर बढ़ता हुआ दिखाई देता है। यही सुनामी का भयानक रूप है।
सुनामी कैसे आती है?
सुनामी सीधे समुद्र तल में होने वाली हलचल के कारण पैदा होती है। ये हलचलें कई कारणों से आ सकती हैं:
- भूकंप: समुद्र के नीचे आने वाला भूकंप समुद्र तल को अचानक से हिला देता है, जिससे पानी में ऊर्ध्वाधर विस्थापन होता है और सुनामी की उत्पत्ति होती है।
- ज्वालामुखी विस्फोट: समुद्र के नीचे ज्वालामुखी विस्फोट भी सुनामी का कारण बन सकता है। विस्फोट से वाली उत्पन्न होने वाली ऊर्जा (energy) पानी में तरंगों का रूप ले लेती है।
- अंतरिक्षीय पिंड का गिरना: बहुत कम ही हालातों में, किसी बड़े क्षुद्रग्रह या धूमकेतु का समुद्र में गिरना भी सुनामी पैदा कर सकता है।
सुनामी का विनाश
सुनामी की सबसे खतरनाक बात यह है कि इसकी लहरें सामान्य ज्वार-भाटा की लहरों से बिल्कुल अलग होती हैं।
- विशाल लहरें: सुनामी की लहरें ऊंचाई में कई मीटर से लेकर दर्जनों मीटर तक हो सकती हैं। ये विशाल लहरें समुद्र तट से टकराकर भयंकर तबाही मचाती हैं।
- तटवर्ती इलाकों में पानी का घुसपैठ: सुनामी की लहरें इतनी तेज और ऊंची होती हैं कि वे दूर तक तटवर्ती इलाकों में घुसपैठ कर जाती हैं। इससे गाँव, शहर, खेत, सड़कें, सब कुछ जलमग्न हो जाता है।
- विनाश का तांडव: सुनामी के कारण भारी तबाही होती है। मकान गिर जाते हैं, वाहन बह जाते हैं, और जान-माल का भारी नुकसान होता है।
सुनामी के बाद भी खतरा टल नहीं जाता है। दूषित पानी फैलने से बीमारी फैलने का खतरा रहता है, और पीने के पानी की कमी हो जाती है।
इसलिए, Asia Bears the Brunt of Extreme Weather सुनामी प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
एशिया प्रशांत क्षेत्र में समुद्री भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट के कारण सुनामी आने की घटनाएं भी होती हैं। 2011 में, जापान (Japan) में आई सुनामी (tsunami) एक भयानक आपदा थी, जिसके कारण हजारों लोग मारे गए थे।
चक्रवात का प्रचंड रूप: Asia Bears the Brunt of Extreme Weather
चक्रवात एक भयंकर तूफान होता है, जो गर्म समुद्री जल पर बनता है। कल्पना कीजिए – समुद्र की सतह शांत है, लेकिन उसके नीचे गर्म हवा तेजी से ऊपर की ओर चढ़ रही है। जैसे-जैसे यह गर्म हवा ऊपर जाती है, वह ठंडी होकर घूमने लगती है, और इस तरह एक विशाल भँवर का निर्माण होता है। यही भँवर चक्रवात का केंद्र होता है।
एशिया के तटीय क्षेत्रों में चक्रवात आने की घटनाएं आम हैं। 2020 में, भारत (Bharat) में आए सुपर चक्रवात ‘अम्फान’ (Amphan) ने भारी तबाही मचाई थी।
चक्रवात का जन्म
चक्रवात आमतौर पर बनने के लिए कुछ विशिष्ट परिस्थितियों की ज़रूरत होती है:
- गर्म समुद्री जल: चक्रवात गर्म समुद्री जल (26°C से अधिक) पर ही बनते हैं। गर्म पानी हवा को तेजी से गर्म करता है, जो चक्रवात को ऊर्जा देता है।
- कोरिऑलिस बल: पृथ्वी के घूमने के कारण उत्पन्न होने वाला यह बल चक्रवात को एक घूर्णन गति प्रदान करता है। उत्तरी गोलार्ध में चक्रवात वामावर्त (vamavart – घड़ी की सुई के विपरीत) घूमते हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में ये दक्षिणावर्त (dakshinavart – घड़ी की सुई की तरह) घूमते हैं।
- कम वायु दाब: चक्रवात (chakrawat) के केंद्र में वायु दाब बहुत कम हो जाता है। यह कम दाब का क्षेत्र हवा को अपनी ओर खींचता है, जिससे हवा का तेजी से ऊपर चढ़ना और चक्रवात का और मजबूत होना होता है।
चक्रवात का तांडव
पूरी तरह से विकसित चक्रवात विनाशकारी होता है:
- तेज हवाएं : चक्रवात में हवाएं 200 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा गति से चल सकती हैं। ये तेज हवाएं पेड़ों को उखाड़ फेंकती हैं, घरों को नष्ट कर देती हैं, और बिजली के तारों को तोड़ देती हैं।
- भारी बारिश: चक्रवात के साथ अक्सर भारी बारिश भी होती है। इससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है, जो तटीय इलाकों के लिए और भी ज्यादा खतरनाक होती है।
- तूफानी लहरें: चक्रवात के कारण समुद्र में ऊंची और उग्र लहरें उठती हैं। ये तूफानी लहरें तटों से टकराकर भारी तबाही मचाती हैं।
चक्रवात के कारण जान-माल का भारी नुकसान होता है। इसके अलावा, बाढ़ और बिजली कटौती जैसी समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल कुछ उदाहरण हैं। एशिया में कई अन्य प्रकार की राष्ट्रीय विपत्तियां भी आ सकती हैं, जैसे कि सूखा, आग, और टिड्डी दल।
इन Asia Bears the Brunt of Extreme Weather के लोगों और अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है। जानमाल का भारी नुकसान होने के साथ-साथ बुनियादी ढांचे और फसलों को भी नुकसान पहुंचता है।
इन आपदाओं से निपटने के लिए, एशियाई देशों को आपदा प्रबंधन योजनाओं को मजबूत करने और आपदा (aapdaa) के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।