Over 880 pounds of explosives in just 1 ballistic missile: दुनिया को यह समझना चाहिए कि ईरान का हमला बहुत अलग तरीके से समाप्त हो सकता था। यह हमारी उन्नत हवाई रक्षा प्रणालियों और हमारे अंतरराष्ट्रीय भागीदारों की मदद का धन्यवाद है कि हमले को सफलतापूर्वक विफल कर दिया गया। Over 880 pounds of explosives in just 1 ballistic missile. ईरान द्वारा इजराइल पर लगभग 120 गोलीबारी की गई।
हाल ही में ईरान द्वारा इज़राइल पर किए गए अभूतपूर्व हमले में, रिपोर्ट्स के अनुसार ईरान ने लगभग 120 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं। यह एक बहुत बड़ा हमला था जिसने पूरे मध्य पूर्व को युद्ध के कगार पर ला खड़ा कर दिया था।
एक बैलिस्टिक मिसाइल (Ek ballistic missile) एक लंबी दूरी की मिसाइल होती है जिसे किसी लक्ष्य पर विस्फोटक ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अपने प्रक्षेपण के आरंभिक चरण में ही संचालित होती है, उसके बाद गुरुत्वाकर्षण बल इसे उसके लक्ष्य की ओर खींचता है। ये मिसाइलें बहुत शक्तिशाली होती हैं और व्यापक तबाही मचा सकती हैं।
ईरान द्वारा इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमला: Over 880 pounds of explosives in just 1 ballistic missile
13 अप्रैल, 2024 को, ईरान ने इजराइल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं। यह हमला सीरिया में ईरान के दूतावास पर हुए इजराइली हमले का जवाब बताया गया है।
हालांकि, इजराइली, अमेरिकी और सहयोगी सेनाओं ने हवा में ही लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों को नष्ट कर दिया।
इस घटना के मुख्य बिंदु:
- ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतर्राष्ट्रीय चिंताओं के बावजूद यह हमला किया।
- इजराइल ने अपनी हवाई रक्षा प्रणाली का उपयोग करके सफलतापूर्वक हमले को रोक दिया।
- अमेरिका ने इजराइल की रक्षा करने और क्षेत्रीय सुरक्षा बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता** दोहराई।
- यह हमला मध्य पूर्व में तनाव को बढ़ा सकता है और क्षेत्र में बड़े संघर्ष का कारण बन सकता है।
ईरान का परमाणु कार्यक्रम: एक जटिल और विवादास्पद मुद्दा
ईरान का परमाणु कार्यक्रम दशकों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता का विषय रहा है। ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, जैसे कि विद्युत उत्पादन और चिकित्सा अनुसंधान।
लेकिन अमेरिका, इजराइल और कुछ अन्य देशों को शंका है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश कर रहा है।
इस मुद्दे को लेकर कई जटिलताएं हैं:
- ईरान परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है, लेकिन उसने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ एक समझौता किया है जिसके तहत उसे अपने परमाणु कार्यक्रमों की निगरानी करने की अनुमति है।
- ईरान ने IAEA निरीक्षकों को कुछ संरक्षित सुविधाओं तक पहुंच देने से इनकार कर दिया है, जिससे उनके इरादों पर संदेह बढ़ गया है।
- 2015 में, ईरान और छह विश्व शक्तियों (P5+1) ने संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के बदले में अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से राहत प्राप्त की।
- लेकिन 2018 में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने JCPOA से वापस ले लिया और ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए।
- इसके परिणामस्वरूप ईरान ने अपनी JCPOA प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करना शुरू कर दिया और अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू कर दिया।
वर्तमान स्थिति:
- ईरान और IAEA के बीच वार्ता गतिरोध में है।
- अमेरिका ने ईरान पर दबाव बनाए रखा है और क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है।
- ईरान ने भी कड़ी चेतावनी दी है और अपने परमाणु कार्यक्रम का विस्तार जारी रखा है।
इस मुद्दे का भविष्य अनिश्चित है।
यह संभव है कि ईरान और P5+1 एक नए समझौते पर पहुंच सकें, लेकिन यह भी संभव है कि तनाव बढ़ता रहे और क्षेत्र में सैन्य टकराव हो जाए।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम एक जटिल मुद्दा है जिसके कई पहलू हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
- इस हमले में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
- संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने हिंसा को कम करने और क्षेत्र में कूटनीति का आह्वान किया है।