Global Peace Index GPI 2024: GPI जितना कम होता है, उस देश को उतना ही शांत माना जाता है

Anant Kachare
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Global Peace Index GPI

Global Peace Index GPI दुनिया भर में देशों की शांति की स्थिति का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। इसका प्रकाशन ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक, इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (Institute for Economics and Peace) द्वारा किया जाता है।

Global Peace Index GPI
Global Peace Index GPI

यह सूचकांक 163 स्वतंत्र देशों और क्षेत्रों को विभिन्न संकेतकों के आधार पर रैंक करता है। ये संकेतक मूल रूप से तीन व्यापक विषयों को कवर करते हैं:

Global Peace Index GPI के तीन मुख्य विषयों का विस्तृत विवरण:

1. सामाजिक सुरक्षा और संरक्षा:

यह विषय उन कारकों को मापता है जो समाज में सुरक्षा और संरक्षा की भावना को प्रभावित करते हैं। इसमें शामिल हैं:

  • हिंसक अपराध: हत्या, बलात्कार, डकैती, और अन्य हिंसक अपराधों की दरें।
  • व्यक्तिगत सुरक्षा: नागरिकों को डर, उत्पीड़न, और हिंसा से मुक्त होने का अनुभव।
  • कानून का शासन: कानून प्रवर्तन की प्रभावशीलता, न्यायिक प्रणाली की निष्पक्षता, और भ्रष्टाचार का स्तर।
  • जेलों में बंदियों की संख्या: यह अपराध दर और सामाजिक असमानता का संकेत दे सकता है।
  • आंतरिक सुरक्षा: आतंकवाद, उग्रवाद, और राजनीतिक अस्थिरता का खतरा।

2. आंतरिक और अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष:

यह विषय उन संघर्षों को मापता है जो देशों के भीतर और उनके बीच होते हैं। इसमें शामिल हैं:

  • आंतरिक संघर्ष: गृह युद्ध, विद्रोह, और जातीय या धार्मिक हिंसा।
  • आतंकवाद: आतंकवादी हमलों की संख्या और उनकी तीव्रता।
  • बाहरी संघर्ष: युद्ध, सीमा विवाद, और राजनयिक तनाव।
  • शस्त्रों का प्रसार: छोटे हथियारों और विस्फोटकों की उपलब्धता।
  • सैन्य खर्च: राष्ट्रीय आय का प्रतिशत जो सेना पर खर्च किया जाता है।
Global Peace Index GPI
Global Peace Index (GPI)

3. सैन्यीकरण की डिग्री:

यह विषय उन कारकों को मापता है जो देश की सैन्य शक्ति और युद्ध की तैयारी को दर्शाते हैं। इसमें शामिल हैं:

  • सशस्त्र बल कर्मियों की संख्या: सक्रिय सैनिकों, आरक्षितों, और अर्धसैनिक बलों की संख्या।
  • भारी हथियारों का प्रसार: टैंक, लड़ाकू विमान, और युद्धपोतों जैसी शक्तिशाली हथियारों की संख्या।
  • सैन्य खर्च: राष्ट्रीय आय का प्रतिशत जो सेना पर खर्च किया जाता है।
  • शस्त्र उद्योग का आकार: हथियारों के उत्पादन और निर्यात में देश की भागीदारी।
  • शांतिपूर्ण संबंधों का स्तर: पड़ोसी देशों और अन्य देशों के साथ संबंधों की गुणवत्ता।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि GPI प्रत्येक देश के लिए एक व्यापक और पूर्ण मूल्यांकन प्रदान करने का प्रयास करता है।

वैश्विक शांति सूचकांक (GPI) विभिन्न संकेतकों का उपयोग करके देशों की शांतिपूर्ण स्थिति का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। यह नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, और आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो दुनिया भर में शांति और सुरक्षा को समझने और बढ़ावा देने में मदद करता है।

GPI जितना कम होता है, उस देश को उतना ही शांत माना जाता है, और जितना अधिक होता है, वह उतना ही कम शांत माना जाता है। रिपोर्ट में सुधार के क्षेत्रों और चल रही चुनौतियों को भी शामिल किया जाता है।

Global Peace Index GPI
Global Peace Index GPI

GPI की महत्वता:

  • यह वैश्विक शांति पर जानकारी के एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • यह नीति निर्माताओं को शांति निर्माण के प्रयासों को निर्देशित करने में मदद करता है।
  • यह शोधकर्ताओं को वैश्विक रुझानों को समझने और शांति को प्रभावित करने वाले कारकों का विश्लेषण करने में सहायता प्रदान करता है।
  • यह आम जनता को दुनिया भर में शांति की स्थिति के बारे में जागरूक करता है।
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भारत और Global Peace Index GPI

वैश्विक मंच पर शांति के मामले में भारत की स्थिति का आकलन करने के लिए वैश्विक शांति सूचकांक (GPI) एक महत्वपूर्ण पैमाना है. ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस द्वारा प्रकाशित यह रिपोर्ट 163 देशों की शांतिपूर्ण स्थिति का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है.

Global Peace Index GPI
Global Peace Index GPI

भारत की रैंकिंग

2023 के GPI के अनुसार, भारत 163 देशों में से 126वें स्थान पर है, जो 2022 की तुलना में थोड़ी गिरावट है. इसका मतलब है कि भारत को वैश्विक स्तर पर सबसे शांत देशों में नहीं गिना जाता है.

भारत के लिए चुनौतियाँ

कई कारक भारत की GPI रैंकिंग को प्रभावित करते हैं:

  • सामाजिक असुरक्षा: सांप्रदायिक हिंसा, जातिगत भेदभाव और उग्रवाद जैसी समस्याएं भारत में समय-समय पर सामने आती हैं.
  • आंतरिक अशांति: सीमा विवाद और कुछ पड़ोसी देशों के साथ तनाव भारत के लिए चुनौतियाँ हैं.
  • सैन्यीकरण: भारत का बढ़ता सैन्य खर्च क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा सकता है.

सुधार की राह

भारत अपनी GPI रैंकिंग सुधारने के लिए कई कदम उठा सकता है:

  • सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना: सांप्रदायिक हिंसा रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं.
  • पड़ोसी देशों के साथ कूटनीति: शांतिपूर्ण वार्ता और सीमा विवादों का समाधान जरूरी है.
  • क्षेत्रीय सुरक्षा और कूटनीति: सैन्य खर्च को नियंत्रित कर कूटनीतिक समाधानों को प्राथमिकता दी जाए.

वैश्विक शांति सूचकांक भारत को यह समझने में मदद करता है कि वह वैश्विक स्तर पर शांति के मामले में कहाँ खड़ा है. यह रिपोर्ट उन क्षेत्रों को उजागर करती है जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भारत अधिक शांतिपूर्ण राष्ट्र बन सके.

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