National Green Hydrogen Mission 2024: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

Anant Kachare
14 Min Read
National Green Hydrogen Mission

National Green Hydrogen Mission: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन भारत के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह देश को स्वच्छ ऊर्जा के भविष्य की ओर ले जाने और वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी भूमिका निभाने में मदद कर सकता है। भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) से जुड़ी भूमिका है।

National Green Hydrogen Mission
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हरित हाइड्रोजन क्या है?

हरित हाइड्रोजन: स्वच्छ ऊर्जा का भविष्य हरित हाइड्रोजन एक प्रकार का हाइड्रोजन है जिसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर या पवन ऊर्जा का उपयोग करके उत्पादित किया जाता है। यह पारंपरिक हाइड्रोजन से अलग है, जिसे जीवाश्म ईंधन, जैसे प्राकृतिक गैस से प्राप्त किया जाता है।

हरित हाइड्रोजन के कई फायदे हैं:

  • स्वच्छ: इसका उपयोग करने पर कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं होता, जिससे यह जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करता है।
  • नवीकरणीय: यह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बनता है, जो कि टिकाऊ हैं और समाप्त नहीं होते हैं।
  • बहुमुखी: इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे बिजली उत्पादन, परिवहन, और औद्योगिक प्रक्रियाएं।
  • भंडारण: इसे आसानी से भंडारित किया जा सकता है, जो ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करने में मदद करता है।

हरित हाइड्रोजन का उत्पादन कैसे किया जाता है?

हरित हाइड्रोजन का उत्पादन इलेक्ट्रोलाइसिस नामक प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है।

इस प्रक्रिया में, विद्युत ऊर्जा का उपयोग पानी (H2O) को हाइड्रोजन (H2) और ऑक्सीजन (O2) में तोड़ने के लिए किया जाता है।

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर या पवन ऊर्जा का उपयोग विद्युत ऊर्जा प्रदान करने के लिए किया जाता है।

हरित हाइड्रोजन का उपयोग कैसे किया जाता है?

हरित हाइड्रोजन का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • बिजली उत्पादन: इसका उपयोग ईंधन सेल में बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है।
  • परिवहन: इसका उपयोग हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों को चलाने के लिए किया जा सकता है।
  • औद्योगिक प्रक्रियाएं: इसका उपयोग स्टील और उर्वरक जैसे औद्योगिक उत्पादों के उत्पादन में किया जा सकता है।
  • घरेलू ऊर्जा: इसका उपयोग खाना पकाने और गर्म करने के लिए किया जा सकता है।

हरित हाइड्रोजन के सामने चुनौतियां:

  • उत्पादन लागत: इलेक्ट्रोलाइसिस की प्रक्रिया अभी भी महंगी है, जिससे हरित हाइड्रोजन की कीमतें भी अधिक होती हैं।
  • भंडारण और परिवहन: हाइड्रोजन अत्यधिक ज्वलनशील है, जिसके लिए विशेष भंडारण और परिवहन बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है।
  • अवसंरचना: हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों और ईंधन स्टेशनों जैसे हरित हाइड्रोजन का उपयोग करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास अभी भी प्रारंभिक चरण में है।

हरित हाइड्रोजन में स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा का भविष्य बनने की क्षमता है।

हालांकि, कुछ चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता है, जैसे कि उत्पादन लागत कम करना और आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास करना।

निवेश और अनुसंधान में वृद्धि के साथ, हरित हाइड्रोजन जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता को कम करने और पर्यावरण को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

National Green Hydrogen Mission
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हाइड्रोजन अपने आप में तो ईंधन नहीं है, लेकिन यह ऊर्जा का एक वाहक है। इसे जलाने पर जल वाष्प निकलता है, इसलिए यह प्रदूषण मुक्त माना जाता है।

हरित हाइड्रोजन को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर या पवन ऊर्जा का उपयोग करके उत्पादित किया जाता है। इस प्रक्रिया में जीवाश्म ईंधन का उपयोग नहीं होता, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होता है।

National Green Hydrogen Mission का उद्देश्य:

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी पहल है जिसका उद्देश्य देश को हरित हाइड्रोजन उत्पादन और उपयोग में वैश्विक अग्रणी बनाना है।

यह मिशन कई महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है, जिनमें शामिल हैं:

1. हरित हाइड्रोजन उत्पादन में अग्रणी बनना:

मिशन का लक्ष्य 2030 तक कम से कम 5 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता स्थापित करना है। यह भारत को दुनिया के सबसे बड़े हरित हाइड्रोजन उत्पादकों में से एक बना देगा।

2. कम कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना:

हरित हाइड्रोजन जीवाश्म ईंधन का एक स्वच्छ और टिकाऊ विकल्प है। इस मिशन का लक्ष्य हरित हाइड्रोजन को विभिन्न क्षेत्रों में जीवाश्म ईंधन के स्थान पर इस्तेमाल करके भारत को कम कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर ले जाना है।

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3. आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना:

भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए बड़े पैमाने पर जीवाश्म ईंधन पर निर्भर है। हरित हाइड्रोजन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ाकर, भारत आयातित जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम कर सकता है और अपनी ऊर्जा सुरक्षा में सुधार कर सकता है।

4. हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के लिए घरेलू विनिर्माण क्षमता विकसित करना:

यह मिशन घरेलू स्तर पर हरित हाइड्रोजन उत्पादन प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान, विकास और निर्माण को बढ़ावा देगा। इससे भारत इस क्षेत्र में एक वैश्विक नेता बन सकता है और रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकता है।

National Green Hydrogen Mission भारत के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह देश को स्वच्छ ऊर्जा भविष्य की ओर ले जाने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

मिशन के सफल होने के लिए, कई चुनौतियों का समाधान करना होगा, जैसे कि हरित हाइड्रोजन उत्पादन की लागत को कम करना, आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास करना और उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करना।

लेकिन, यदि सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया जाता है, तो यह मिशन भारत को ऊर्जा क्षेत्र में बदलने और एक अधिक टिकाऊ भविष्य बनाने में मदद कर सकता है।

National Green Hydrogen Mission: लक्ष्य और रणनीति

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) भारत को हरित हाइड्रोजन उत्पादन और उपयोग में वैश्विक अग्रणी बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है।

यह मिशन तीन मुख्य लक्ष्यों पर केंद्रित है:

1. 2030 तक 5 MMT हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता स्थापित करना:

यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, लेकिन इसे प्राप्त करने के लिए कई रणनीतियां हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर और पवन) में निवेश: हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए आवश्यक बिजली उत्पन्न करने के लिए।
  • हरित हाइड्रोजन उत्पादन प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास: उत्पादन लागत को कम करने और दक्षता में सुधार करने के लिए।
  • हरित हाइड्रोजन उत्पादकों को प्रोत्साहन और सब्सिडी: इस उद्योग को बढ़ावा देने और इसे आकर्षक बनाने के लिए।
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2. हरित हाइड्रोजन की लागत को कम करना:

हरित हाइड्रोजन को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए इसकी लागत को कम करना महत्वपूर्ण है।

इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • उत्पादन प्रौद्योगिकियों में सुधार: अधिक कुशल और कम लागत वाले तरीकों का विकास करना।
  • बड़े पैमाने पर उत्पादन: अर्थव्यवस्थाओं के पैमाने का लाभ उठाने के लिए उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना।
  • आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन: परिवहन और भंडारण लागत को कम करना।

3. हरित हाइड्रोजन आधारित परिवहन, उद्योग और बिजली उत्पादन को बढ़ावा देना:

हरित हाइड्रोजन को विभिन्न क्षेत्रों में जीवाश्म ईंधन के स्थान पर इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।

इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई नीतियां और पहल की जा सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • हरित हाइड्रोजन आधारित वाहनों और ईंधन स्टेशनों को सब्सिडी: इस तकनीक को अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए।
  • हरित हाइड्रोजन के उपयोग को अनिवार्य करने वाले नियम: जैसे कि उद्योगों में और बिजली उत्पादन में।
  • हरित हाइड्रोजन के बारे में जागरूकता बढ़ाना: उपभोक्ताओं और व्यवसायों को इसके लाभों के बारे में शिक्षित करना।

National Green Hydrogen Mission भारत के लिए एक महत्वाकांक्षी लेकिन आवश्यक पहल है।

यदि सफल होता है, तो यह देश को स्वच्छ ऊर्जा भविष्य की ओर ले जाने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

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मिशन के लाभ:

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) भारत के लिए कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं:

1. प्रदूषण कम करना और जलवायु परिवर्तन से लड़ना:

हरित हाइड्रोजन एक स्वच्छ ईंधन है जो जलने पर कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं करता है।

इसका उपयोग जीवाश्म ईंधन के स्थान पर करने से वायु और जल प्रदूषण में काफी कमी आएगी और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।

2. ऊर्जा सुरक्षा में सुधार:

भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए बड़े पैमाने पर आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भर है।

हरित हाइड्रोजन का उत्पादन और उपयोग करके, भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा में सुधार कर सकता है और ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर बढ़ सकता है।

3. रोजगार के नए अवसर पैदा करना:

हरित हाइड्रोजन उद्योग में नई तकनीकों के विकास, बुनियादी ढांचे के निर्माण और उत्पादन में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

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4. भारत को हरित अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनाना:

हरित हाइड्रोजन स्वच्छ ऊर्जा भविष्य की कुंजी है।

इस मिशन में सफलतापूर्वक भाग लेने से भारत को हरित अर्थव्यवस्था में एक वैश्विक नेता बनने में मदद मिलेगी और टिकाऊ विकास के लिए एक मॉडल प्रदान करेगा।

इन लाभों के अलावा, National Green Hydrogen Mission भारत के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार में अग्रणी बनने, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को गति देने का अवसर भी प्रदान करता है।

यह मिशन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है और देश को स्वच्छ और टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

National Green Hydrogen Mission: चुनौतियां

National Green Hydrogen Mission एक महत्वाकांक्षी पहल है, लेकिन इसके समक्ष कई चुनौतियां भी हैं, जिनमें शामिल हैं:

1. उच्च उत्पादन लागत:

वर्तमान में, हरित हाइड्रोजन का उत्पादन जीवाश्म ईंधन से प्राप्त हाइड्रोजन की तुलना में अधिक महंगा है।

यह उच्च लागत इसके व्यापक उपयोग और वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य बनने में बाधा है।

2. आवश्यक बुनियादी ढांचे का अभाव:

हरित हाइड्रोजन के उत्पादन, भंडारण, परिवहन और उपयोग के लिए विशेष बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है।

इसमें इलेक्ट्रोलाइजर, भंडारण टैंक, पाइपलाइन और हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन शामिल हैं।

इस बुनियादी ढांचे का विकास महंगा और समय लेने वाला होगा।

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3. अनुसंधान और विकास की आवश्यकता:

हरित हाइड्रोजन उत्पादन और उपयोग प्रौद्योगिकियों को अधिक कुशल और किफायती बनाने के लिए अनुसंधान और विकास में निवेश की आवश्यकता है।

इसमें नई सामग्री, उन्नत इलेक्ट्रोलाइजर डिजाइन और बेहतर भंडारण समाधान का विकास शामिल है।

4. उपभोक्ता जागरूकता की कमी:

कई उपभोक्ता और व्यवसाय हरित हाइड्रोजन और उसके लाभों से अपरिचित हैं।

इस तकनीक को अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान और शिक्षा कार्यक्रम आवश्यक हैं।

5. नीतिगत अनिश्चितता:

हरित हाइड्रोजन उद्योग के लिए स्पष्ट और सहायक नीतियां की आवश्यकता है।

इसमें निवेशकों को प्रोत्साहन, हरित हाइड्रोजन की खरीद के लिए लक्ष्य और उत्पादन मानकों को शामिल करना चाहिए।

इन चुनौतियों के बावजूद, National Green Hydrogen Mission भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है।

सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग और निवेश के साथ, भारत इस उभरते हुए क्षेत्र में एक वैश्विक नेता बन सकता है और स्वच्छ ऊर्जा भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

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