NCERT की पाठ्यपुस्तकों में “भारत” और “इंडिया” शब्दों को लेकर हाल ही में चर्चा हुई है. NCERT के एक पैनल ने हाल ही में सभी कक्षाओं की किताबों में “इंडिया” की जगह “भारत” शब्द का उपयोग करने का प्रस्ताव दिया था. इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है और आने वाली किताबों में “भारत” शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा.
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संविधानिक मान्यता:
- भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 में देश के दो आधिकारिक नामों को मान्यता दी गई है – “इंडिया, जो कि भारत है” इसका मतलब दोनों शब्दों को परस्पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
- संविधानिक मान्यता को इस उदाहरण में ऐसे समझा जा सकता है:
- सरकारी दस्तावेजों की तरह ही हमारा संविधान भी देश के आधिकारिक नामों को तय करता है. भारत के संविधान में यह स्पष्ट रूप से बताया गया है।
- अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि भारत के दो आधिकारिक नाम हैं: “इंडिया, जो कि भारत है”
- इस वाक्य का मतलब है कि दोनों नाम कानूनी रूप से स्वीकार्य हैं और इन्हें एक दूसरे के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है. संविधान किसी एक नाम को दूसरे से ऊपर नहीं रखता है।
NCERT का रुख:
- शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, एनसीईआरटी संविधान का सम्मान करता है और इन दोनों शब्दों में कोई भेद नहीं करता है.
- एनसीईआरटी, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है जो देश भर में स्कूली शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकें विकसित करती है। “भारत” और “इंडिया” शब्दों के संदर्भ में एनसीईआरटी का रुख संविधान के अनुरूप है।
- अनुच्छेद 1 में भारत के दो आधिकारिक नामों को मान्यता दी गई है – “इंडिया, जो कि भारत है”
एनसीईआरटी का दृष्टिकोण:
- एनसीईआरटी संविधान का सम्मान करता है और इन दोनों शब्दों में कोई भेद नहीं करता है।
- पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में “भारत” और “इंडिया” शब्दों का उपयोग परस्पर किया जाता है।
- एनसीईआरटी का मानना है कि दोनों शब्द देश की राष्ट्रीय पहचान का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- 2023 में, एनसीईआरटी ने अपनी नई पाठ्यपुस्तकों में “इंडिया” शब्द की जगह “भारत” शब्द का उपयोग करने का निर्णय लिया।
- यह निर्णय इस विश्वास पर आधारित है कि “भारत” शब्द देश के इतिहास और संस्कृति को बेहतर ढंग से दर्शाता है।
- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:
- यह बदलाव केवल नई पाठ्यपुस्तकों पर लागू होगा।
- मौजूदा पाठ्यपुस्तकों में “इंडिया” शब्द का उपयोग जारी रहेगा।
- कुछ राज्य सरकारों ने अपनी राज्य पाठ्यक्रम में इस बदलाव को लागू नहीं करने का निर्णय लिया है।
निष्कर्ष:
- एनसीईआरटी का “भारत” और “इंडिया” शब्दों के प्रति रुख संविधान के अनुरूप है। एनसीईआरटी दोनों शब्दों का उपयोग देश की राष्ट्रीय पहचान का प्रतिनिधित्व करने के लिए करता है।
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हालिया बदलाव का प्रस्ताव:
- NCERT के एक पैनल ने हाल ही में सभी कक्षाओं की किताबों में “इंडिया” की जगह “भारत” शब्द का उपयोग करने का प्रस्ताव दिया था. इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है और आने वाली किताबों में “भारत” शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा.
कारण:
- पैनल के अनुसार “भारत” शब्द का इतिहास बहुत पुराना है और इसका इस्तेमाल प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है. वहीं “इंडिया” शब्द का चलन अंग्रेजों के आने के बाद ज्यादा बढ़ा.
- कारण (Reason) के पीछे एनसीईआरटी ने नई पाठ्यपुस्तकों में “भारत” शब्द को अपनाने का फैसला किया है, इसके पीछे कई तर्क दिए जा रहे हैं। आइए इन्हें विस्तार से देखें:
- ऐतिहासिक जड़ें: “भारत” शब्द का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों और लेखों में इसका उल्लेख मिलता है। यह माना जाता है कि “भारत” संस्कृत शब्द “भरतखंड” से उत्पन्न हुआ है, जो इस क्षेत्र के प्राचीन नामों में से एक है।
- सांस्कृतिक जुड़ाव: “भारत” शब्द भारतीय संस्कृति और सभ्यता से गहराई से जुड़ा हुआ है। इसका प्रयोग सदियों से भारत की पहचान के रूप में किया जाता रहा है। नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने के लिए “भारत” शब्द का इस्तेमाल उपयुक्त माना जा सकता है।
- औपनिवेशिक प्रभाव: “इंडिया” शब्द की उत्पत्ति यूनानियों से मानी जाती है, जिन्होंने सिंधु नदी को “सिंधु” कहा था। बाद में अंग्रेजों ने इसे “इंडिया” में बदल दिया। कुछ लोगों का मानना है कि “भारत” शब्द का इस्तेमाल उपनिवेशवाद के प्रभाव को कम करने में मदद करेगा।
- राष्ट्रीय गौरव: “भारत” शब्द राष्ट्रीय गौरव की भावना जगाता है। यह भारत की स्वतंत्र पहचान को दर्शाता है। नई पीढ़ी में राष्ट्रीय गौरव की भावना जगाने के लिए “भारत” शब्द का इस्तेमाल सकारात्मक माना जा सकता है।
- यह ध्यान रखना जरूरी है कि “इंडिया” शब्द को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा रहा है। संविधान के अनुसार दोनों नाम मान्य हैं। हालांकि, एनसीईआरटी का मानना है कि नई पीढ़ी को भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए “भारत” शब्द का इस्तेमाल ज्यादा उपयुक्त है।
यह जानना जरूरी है कि: फिलहाल यह बदलाव सिर्फ नई किताबों में होगा. मौजूदा किताबों में “इंडिया” शब्द ही रहेगा. साथ ही, कुछ राज्य सरकारों ने इस बदलाव को अपनी राज्य पाठ्यक्रम में लागू ना करने का संकेत दिया है.