Swimmer Geeta Malusare: लेहरोंसे डरकर नौका पार नही होती. कौशिश करनेवालोंकी कभी हार नही होती.
संकल्प और लगन के बल पर गीता आज एक बार फिर महासमुद्र में है। प्रांग लाइट हाउस से गेटवे ऑफ इंडिया के बगल में अटल सेतु तक 20 किमी की दूरी 3 घंटे 44 मिनट में पूरी की।
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गीता का अनुभव इस बात की कठोर याद दिलाता है कि शांत दिखने वाला पानी भी अनदेखी चुनौतियां पैदा कर सकता है।
1 साल पहले विजयदुर्ग के समुद्र में तैरते समय गीता के हाथ पर जेली फिश ने काट लिया था। एक स्थिति ऐसी भी आई जब गीता के हाथ फेल हो गए। डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की और एक साल में गीता के हाथ की लगभग 9 सर्जरी कीं। डॉ. अभिषेक घोष और डॉ. अमोघ पाठक के अथक प्रयास सफल हुए और गीता को बचा लिया गया। उनकी प्रैक्टिस 8 महीने तक बंद रही. हाथ के दर्द को नजरअंदाज करते हुए गीता ने पिछले दो महीनों में फिर से अच्छी प्रैक्टिस की है और दृढ़ निश्चय के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही हैं।
गीता आज सुबह 7 बजे कोलाबा प्रांग लाइट हाउस के पास समुद्र में कूद गईं और तैरने लगीं। सुबह 10:44 बजे गीता ने अटल सेतु के पास 20 किमी की दूरी 3 घंटे 44 मिनट में तैरकर तय की। Swimmer Geeta Malusare ने हाथ में दर्द और समुद्र की लहरों का बहादुरी से सामना किया और इस अभियान को सफल बनाया। गीता ने इस अभियान को बहुत दृढ़ निश्चय के साथ पूरा करने का फैसला किया था और आज उन्होंने इसे सफल बना दिया है।
2017 में अपने 13वें जन्मदिन पर गीता ने मुंबई के ही समुद्र में 32 किमी की तैराकी पूरी की। 2020/21 में कोरोना के कारण गीता की तैराकी प्रैक्टिस दो साल तक बंद रही। कोरोना के बाद दोबारा प्रैक्टिस करते हुए गीता ने उसी समुद्र में 32 किमी और तैराकी की और दिखा दिया कि वह अपने भविष्य के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तैयार हैं। लेकिन किस्मत ने जेली फिश के रूप में गीता के सामने फिर एक नया संकट खड़ा कर दिया।
संकट इतना भयानक था कि गीता को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा कि उन्हें तैराकी हमेशा के लिए बंद करनी पड़ी। लेकिन दृढ़ संकल्प, दृढ़ता और निरंतरता के बल पर गीता ने सभी विपरीत परिस्थितियों को मात दी और उसी क्षमता के साथ कल फिर से समुद्र में छलांग लगा दी और 20 किमी की दूरी केवल 3 घंटे और 44 मिनट में पूरी की।
इससे पहले गीता ने महाराष्ट्र और राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल की है। गीता फर्ग्यूसन कॉलेज से कला में स्नातक की पढ़ाई कर रही है।
राष्ट्रीय कोच शेखर खासनिस ने गीता का मार्गदर्शन किया और उसे आज के अभियान के लिए तैयार किया। आज उन्होंने खुद इस अभियान में हिस्सा लिया और गीता का हौसला बढ़ाया। स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की मंजूरी से, स्विमिंग एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र के सुनील मयेकर ने इस अभियान के लिए परीक्षक के रूप में कार्य किया।
गीता को प्रायोजित करने वाले महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांतदा पाटिल ने अभियान को प्रोत्साहित किया। माननीय नगरसेवक अविनाश जाधव और सह्याद्रि फाउंडेशन के अध्यक्ष अनिल पवार ने व्यक्तिगत रूप से अभियान में भाग लिया और गीत को प्रोत्साहित किया।
मंदार के मुताबिक, गीता के पिता महेश मालुसरे और मां दीपा मालुसरे अमीर शेलारों को प्रोत्साहित करने के लिए नाव पर थे। गीता ने आज यह दिखा दिया है कि परिस्थिति चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो, इस कठिन परिस्थिति से उबरकर सफलता हासिल की जा सकती है।
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खुले पानी में छिपे खतरे: गीता मालुसारे की कहानी से सबक
गीता मालुसारे की कहानी, जो एक राष्ट्रीय स्तरीय तैराक हैं, हमें खुले पानी में छिपे खतरों के बारे में एक महत्वपूर्ण सबक सिखाती है। यह दर्शाता है कि शांत दिखने वाला पानी भी अप्रत्याशित खतरों से भरा हो सकता है, जिनके बारे में तैराकों को पता होना चाहिए।
गीता के मामले में, एक साधारण जेलीफिश का डंक उनके तैराकी करियर को खतरे में डालने के लिए पर्याप्त था। डंक इतना गंभीर था कि उनके हाथ में सूजन और ऊतक क्षति (नेक्रोसिस) हो गया, जिसके लिए चार ऑपरेशनों की आवश्यकता हुई। यह घटना गीता के लिए एक विनाशकारी झटका थी, जिसने उनके सपनों और करियर को खतरे में डाल दिया।
यह घटना खुले पानी में तैरने से जुड़े खतरों पर प्रकाश डालती है, जिनमें शामिल हैं:
- जेलीफिश: जेलीफिश के तम्बू में विषाक्त पदार्थ होते हैं जो तैराकों को गंभीर दर्द, जलन और एलर्जी प्रतिक्रियाएं पैदा कर सकते हैं। कुछ मामलों में, जेलीफिश का डंक घातक भी हो सकता है।
- शार्क: शार्क समुद्री शिकारी हैं जो तैराकों पर हमला कर सकती हैं। हालांकि शार्क हमले अपेक्षाकृत दुर्लभ हैं, फिर भी वे एक गंभीर खतरा हैं।
- समुद्री सांप: समुद्री सांप जहरीले होते हैं और तैराकों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। हालांकि वे आमतौर पर आक्रामक नहीं होते हैं, लेकिन अगर उन्हें उकसाया जाए तो वे काट सकते हैं।
- विषाक्त शैवाल: कुछ प्रकार के शैवाल विषाक्त होते हैं और तैराकों को बीमार कर सकते हैं। इन शैवालों का संपर्क त्वचा में जलन, मतली और उल्टी पैदा कर सकता है।
- धाराएं और लहरें: मजबूत धाराएं और लहरें तैराकों को बहका सकती हैं और उन्हें खतरे में डाल सकती हैं। तैराकों को हमेशा अपने आसपास के वातावरण के बारे में पता होना चाहिए और अपनी क्षमताओं के अनुसार तैरना चाहिए।
गीता मालुसारे की कहानी हमें खुले पानी में तैरते समय सावधानी बरतने की याद दिलाती है। यहां कुछ सुरक्षा युक्तियां दी गई हैं:
- अकेले तैरने से बचें: हमेशा एक दोस्त या समूह के साथ तैरें। यह किसी भी आपात स्थिति में सहायता प्रदान करेगा।
- तैरने वाले क्षेत्रों में रहें: केवल उन क्षेत्रों में तैरें जो तैरने के लिए सुरक्षित हैं और जीवन रक्षक द्वारा संरक्षित हैं।
- सावधान रहें: अपने आसपास के वातावरण के बारे में जागरूक रहें और किसी भी संभावित खतरे के लिए सतर्क रहें।
- सुरक्षात्मक उपकरण पहनें: यदि संभव हो तो, गीली सूट या स्टिंग गार्ड जैसी सुरक्षात्मक उपकरण पहनें।
- अपनी सीमाओं को जानें: अपनी क्षमताओं के अनुसार तैरें और अपनी सीमाओं को पार न करें।
- स्थानीय चेतावनियों का पालन करें: समुद्र तट पर तैरने के लिए किसी भी चेतावनी या प्रतिबंध का पालन करें।
खुले पानी में तैरना एक मजेदार और फायदेमंद गतिविधि हो सकती है। लेकिन सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। गीता मालुसारे की कहानी से सीखकर, हम खुले पानी में छिपे खतरों के बारे में जागरूक रह सकते हैं और सुरक्षित और सुखद तैराकी अनुभव सुनिश्चित कर सकते हैं।
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लचीलेपन की शक्ति: गीता मालुसारे की प्रेरणादायक कहानी
गीता मालुसारे की कहानी, जो एक राष्ट्रीय स्तरीय तैराक हैं, उन अनेक एथलीटों में से एक है जो जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प के साथ करते हैं।
2022 में, गीता के तैराकी करियर पर एक भयानक तूफान आया जब उन्हें एक प्रतियोगिता के दौरान जेलीफिश ने डंक मार दिया। यह डंक इतना गंभीर था कि उनके हाथ में सूजन और ऊतक क्षति (नेक्रोसिस) हो गया, जिसके लिए चार ऑपरेशनों की आवश्यकता हुई। डॉक्टरों ने त्वचा ग्राफ्ट की संभावना पर भी विचार किया।
यह घटना गीता के लिए एक विनाशकारी झटका थी, जिसने उनके सपनों और करियर को खतरे में डाल दिया। लेकिन गीता ने हार नहीं मानी। उन्होंने अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए, ठीक होने और फिर से तैरने का संकल्प लिया।
कठोर फिजियोथेरेपी और अथक प्रयासों के माध्यम से, गीता धीरे-धीरे अपनी ताकत और गतिशीलता वापस पाने लगीं। उनकी दृढ़ता और आत्मविश्वास अटूट रहा, और उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी।
आज, गीता न केवल ठीक हो गई हैं, बल्कि वे फिर से तैराकी प्रतियोगिताओं में भाग ले रही हैं। उनकी कहानी लचीलेपन और दृढ़ संकल्प की प्रेरणादायक दास्तान है, जो दर्शाती है कि मानव भावना कितनी मजबूत हो सकती है।
गीता मालुसारे न केवल एथलीटों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा हैं जो जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, हार कभी भी विकल्प नहीं है। अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प के साथ, हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं और अपने सपनों को प्राप्त कर सकते हैं।
Swimmer Geeta Malusare से प्रेरणा लेने के कुछ तरीके:
- अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ रहें: गीता ने अपने सपने को कभी नहीं छोड़ा, भले ही परिस्थितियां कितनी भी मुश्किल क्यों न हों। अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें और उन्हें प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास करें।
- विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक रहें: गीता ने हार नहीं मानी और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा। नकारात्मक विचारों को अपने ऊपर हावी न होने दें और हमेशा आशावादी बने रहें।
- कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प में विश्वास रखें: गीता ने अपनी सफलता के लिए कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का सहारा लिया। याद रखें कि सफलता रातोंरात नहीं मिलती, बल्कि यह कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है।
- अपनी कमजोरियों पर विजय प्राप्त करें: गीता ने अपनी चोट से उबरने और अपनी कमजोरियों पर विजय प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास किए। अपनी कमजोरियों को पहचानें और उन्हें सुधारने के लिए काम करें।
- दूसरों को प्रेरित करें: गीता की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। अपनी प्रेरणादायक कहानी दूसरों के साथ साझा करें और उन्हें प्रेरित करें।
गीता मालुसारे एक सच्ची चैंपियन हैं जिन्होंने अपनी लचीलेपन और दृढ़ संकल्प से दुनिया को प्रेरित किया है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि मानव आत्मा कितनी मजबूत हो सकती है और हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं यदि हम अपने
गीता मालुसारे की कहानी साहस, लचीलेपन और एक खिलाड़ी की अडिग भावना की कहानी है।