The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya: 17 अप्रैल 2024 एक ऐतिहासिक उत्सव

Anant Kachare
11 Min Read
The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya

The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya: 17 अप्रैल 2024 को मनाया गया रामनवमी, अयोध्या में राम मंदिर में The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya. यह त्योहार अयोध्या और पूरे भारत में धूमधाम से मनाया गया, जिसमें लाखों भक्तों ने भगवान राम के दर्शन किए।

The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya
The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya

भव्य श्रृंगार: The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya

अयोध्या में रामनवमी के अवसर पर भगवान राम का भव्य श्रृंगार

17 अप्रैल 2024 को मनाए गए रामनवमी के अवसर पर भगवान राम का अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में भव्य श्रृंगार किया गया था। उन्हें सोने और चांदी के आभूषणों से सजाया गया था और भव्य वस्त्र पहनाए गए थे।

यहां भव्य श्रृंगार की कुछ तस्वीरें हैं:

श्रृंगार की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • मुकुट: भगवान राम को सोने का मुकुट पहनाया गया था, जिसमें जड़े हुए हीरे, पन्ने और माणिक थे।
  • हार: भगवान राम को मोतियों, पन्नों और हीरे का हार पहनाया गया था।
  • बाजूबंद: भगवान राम को सोने के बाजूबंद पहनाए गए थे, जिनमें जड़े हुए हीरे और पन्ने थे।
  • कंकण: भगवान राम को सोने के कंकण पहनाए गए थे।
  • अंगूठी: भगवान राम को सोने की अंगूठी पहनाई गई थी, जिसमें जड़ा हुआ एक बड़ा हीरा था।
  • वस्त्र: भगवान राम को रेशम का पीला वस्त्र पहनाया गया था, जिस पर सोने की कढ़ाई थी।

भक्तों ने भगवान राम के भव्य श्रृंगार की बहुत प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह श्रृंगार भगवान राम की दिव्यता और भव्यता को दर्शाता है। रामलला को इस अवसर पर विशेष रूप से श्रृंगारित किया गया था। उन्हें सोने और चांदी के आभूषणों से सजाया गया था और भव्य वस्त्र पहनाए गए थे।

The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya
The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya

अभूतपूर्व दर्शन: 

अयोध्या में रामनवमी के अवसर पर राम जन्मभूमि मंदिर में अभूतपूर्व दर्शन हुए। 17 अप्रैल 2024 को मनाए गए इस त्योहार में, लाखों भक्त भगवान राम के दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंचे। मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था, और लंबी कतारें देखने को मिलीं। लाखों भक्त अयोध्या पहुंचे दर्शन के लिए। मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था।

भक्तों ने भगवान राम के दर्शन करने और इस पवित्र अवसर का जश्न मनाने के लिए उत्सुकता से इंतजार किया। कई भक्त दूर-दराज के इलाकों से आए थे। कुछ लोग रात भर लाइन में खड़े रहे ताकि वे सुबह जल्दी दर्शन कर सकें।

मंदिर प्रशासन ने भीड़ को संभालने के लिए व्यापक इंतजाम किए थे। अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था और दर्शन के लिए अलग-अलग लाइनें बनाई गई थीं।

अयोध्या में रामनवमी का यह उत्सव वास्तव में अभूतपूर्व था। यह भगवान राम के प्रति लोगों की भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक था।

Mango season in india

विशेष पूजा: रामनवमी के दिन कई विशेष पूजाएं और अनुष्ठान किए गए।

17 अप्रैल 2024 को अयोध्या में रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर राम जन्मभूमि मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया गया, जिसमें लाखों भक्तों ने भाग लिया।

यहां विशेष पूजा के कुछ मुख्य चरणों का विस्तृत वर्णन दिया गया है:

1. मंगला आरती:

  • सुबह सूर्योदय से पहले, भगवान राम की मंगला आरती की गई।
  • इस आरती में भगवान राम को दीप, फूल और फल अर्पित किए गए।
  • भक्तों ने भजन और मंत्रों का जाप किया।

2. पंचामृत स्नान:

  • मंगला आरती के बाद, भगवान राम की पंचामृत स्नान की गई।
  • पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण है।
  • ऐसा माना जाता है कि पंचामृत स्नान भगवान को शुद्ध और पवित्र करता है।

3. अलंकार:

  • पंचामृत स्नान के बाद, भगवान राम को अलंकार पहनाया गया।
  • उन्हें सोने और चांदी के आभूषण, रेशमी वस्त्र और मुकुट पहनाया गया।
  • भगवान राम को विभिन्न प्रकार के फूलों से भी सजाया गया।

4. भोग:

  • भगवान राम को भोग अर्पित किया गया।
  • भोग में विभिन्न प्रकार के व्यंजन शामिल थे, जैसे कि लड्डू, पूड़ी, सब्जी और मिठाई।
  • भक्तों ने भगवान को प्रसाद भी चढ़ाया।

5. आरती:

  • भोग के बाद, भगवान राम की आरती की गई।
  • आरती में दीप, घंटी और शंख बजाए गए।
  • भक्तों ने भजन गाए और मंत्रों का जाप किया।

6. दर्शन:

  • आरती के बाद, भक्तों को दर्शन का अवसर दिया गया।
  • भक्तों ने भगवान राम के दर्शन किए और उनका आशीर्वाद लिया।

विशेष पूजा के दौरान मंदिर परिसर भक्तों से खचाखच भरा हुआ था। भक्तों ने भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा व्यक्त की।

The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya

अयोध्या में रामनवमी का दीपोत्सव: रोशनी का अविस्मरणीय उत्सव

अयोध्या में रामनवमी के धूमधाम से मनाए जाने वाले उत्सवों में से एक है दीपोत्सव। 17 अप्रैल 2024 को मनाए गए इस रामनवमी पर भी, दीपावली की तरह ही दीपों से जगमगाते अयोध्या का नजारा अविस्मरणीय था।

यहां रामनवमी के दीपोत्सव का विस्तृत वर्णन दिया गया है:

  • शाम ढलने के बाद, अयोध्या नगरी रोशनी में नहाने लगी। घरों से लेकर मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों तक, हर जगह हजारों दीये जलाए गए।
  • सरयू नदी के किनारे का दृश्य मनमोहक था। नदी के घाटों पर दीपों की कतारें जलाई गईं, जो नदी के शांत जल में प्रतिबिंबित होकर अद्भुत दृश्य बना रही थीं।
  • राम जन्मभूमि मंदिर पर विशेष रूप से सजावट की गई थी। मंदिर के शिखरों से लेकर स्तंभों तक, हर जगह दीपों से सजाया गया था। मंदिर के परिसर में भी दीपों की कलात्मक आकृतियां बनाई गई थीं।
  • भक्तों ने भी अपने घरों पर दीप जलाए और भगवान राम की आरती की। कई घरों में रंगोली भी बनाई गई थी, जो दीपों की रोशनी में और भी खूबसूरत लग रही थी।
  • अयोध्या के प्रमुख मार्गों पर दीपों की झालरें सजाई गई थीं। यह दृश्य किसी परीलोक से कम नहीं लग रहा था।
  • आतिशबाजी का भी आयोजन किया गया। रंगीन आतिशबाजी ने आकाश को जगमगा दिया और उत्सव के माहौल को और भी बढ़ा दिया।

दीपोत्सव का यह उत्सव सिर्फ रोशनी का ही नजारा नहीं था, बल्कि भगवान राम के जन्म का जश्न मनाने और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक भी था। शाम को, भक्तों ने भव्य दीपोत्सव मनाया, जिसमें हजारों दीये जलाए गए।

The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya
The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya

    अयोध्या में रामनवमी: सुरक्षा व्यवस्था का चाक-चौबंद इंतजाम

    17 अप्रैल 2024 को अयोध्या में रामनवमी के पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए, सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए थे।

    यहां सुरक्षा व्यवस्था के कुछ मुख्य पहलुओं का विस्तृत वर्णन दिया गया है:

    पुलिस तैनाती:

    • भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में तैनात किया गया था।
    • विशेष बल, जैसे कि राष्ट्रीय सुरक्षा बल (आरआरएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को भी तैनात किया गया था।
    • खुफिया विभाग के अधिकारियों ने भी सुरक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    यातायात व्यवस्था:

    • मंदिर परिसर के आसपास के क्षेत्रों में यातायात को प्रतिबंधित कर दिया गया था।
    • श्रद्धालुओं के लिए विशेष पार्किंग व्यवस्था की गई थी।
    • वाहनों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखी गई थी।

    सीसीटीवी कैमरे:

    • मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों का व्यापक जाल बिछाया गया था।
    • इन कैमरों का इस्तेमाल श्रद्धालुओं की निगरानी और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखने के लिए किया जा रहा था।

    ड्रोन निगरानी:

    • ड्रोन का उपयोग भीड़ की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के लिए किया गया था।

    बम निरोधक दस्ता:

    • मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में बम निरोधक दस्तों को तैनात किया गया था।
    • किसी भी संदिग्ध वस्तु का पता लगाने के लिए इन दस्तों ने सघन तलाशी अभियान चलाया।

    आपातकालीन सेवाएं:

    • मंदिर परिसर में आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था की गई थी।
    • एंबुलेंस, दमकल और चिकित्सा दल मौजूद थे ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके।

    सुरक्षा व्यवस्था के इन कड़े इंतजामों के कारण रामनवमी का पर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। लाखों श्रद्धालुओं ने बिना किसी परेशानी के भगवान राम के दर्शन किए और इस पवित्र अवसर का जश्न मनाया।

    The first Ram Navami after the Pran Pratishtha in Ayodhya

    यह रामनवमी केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं था, बल्कि यह आस्था, भक्ति और राष्ट्रीयता का प्रतीक भी था। यह एक ऐसा अवसर था जब लोग भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने और एकजुट भारत का जश्न मनाने के लिए एक साथ आए थे।

    यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है जो आपको उपयोगी लग सकती है:

    • राम जन्मभूमि मंदिर: राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण 5 अगस्त 2020 को शुरू हुआ था। यह मंदिर भगवान राम के जन्मस्थान पर बनाया गया है और इसे दुनिया के सबसे भव्य हिंदू मंदिरों में से एक माना जाता है।
    • प्राण प्रतिष्ठा: प्राण प्रतिष्ठा एक हिंदू अनुष्ठान है जिसमें देवता की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठित किए जाते हैं। यह मूर्ति को पवित्र बनाने और उसे पूजा के योग्य बनाने का एक तरीका है।
    • रामनवमी: रामनवमी एक हिंदू त्योहार है जो भगवान राम के जन्म का उत्सव मनाता है। यह चैत्र मास के नवमी तिथि को मनाया जाता है।
    Share This Article
    Leave a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *